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मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?

 

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?

 

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है: मजदूर एक ऐसा व्यक्ति है, जो हमारी सफलता में महत्वपूर्ण होता है। जो भी व्यक्ति किसी दूसरे के लिए कार्य करता है और मेहनताना प्राप्त करता है उसे हम मजदूर कहते है। क्या आप जानते है कि मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?

 

हमारा समाज सिर्फ गरीबों को ही मजदूर समझता है। चाहे आप हो या मैं हूं हम सभी मजदूर हैं । कोई आराम से एसी रूम में बैठकर लैपटॉप पर काम करता है, तो कोई बारिश और धूप में फावड़े-हथोड़े से काम करता है। कोई ऑफिस, दुकान, मॉल आदि में काम करता है, तो कोई खेत खलियान में काम करता है। 


 शारीरिक वह मानसिक रूप से कार्य करने वाला प्रत्येक इंसान मजदूर है, चाहे वह कूड़ा बीनने वाला हो या ऑफिस में कार्य करने वाला हो। 


इन्हीं सब श्रमिकों को सम्मान देने के लिए प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है ताकि मजदूरों को बढ़ावा व प्रोत्साहन मिल सके।

 

मजदूर दिवस को मई दिवस, अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारी दिवस, श्रमिक दिवस वर्कर डे आदि के नाम से भी जाना जाता है। मजदूर दिवस पूरी तरह श्रमिकों को समर्पित है।

 

 इस दिन भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सराहा जाता है। यह दिन मजदूरों के सम्मान उनकी एकता के समर्थन में मनाया जाता है। इस दिन मजदूर संगठन से जुड़े लोग रैली व अनेक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

 

मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 हुई थी। सबसे पहले अमेरिका के मजदूर संगठन ने यह निश्चित किया कि वह 8 घंटों से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इन मजदूरों से दिन के 10 से 16 घंटे तक काम लिया जाता था। जिससे इन्हें शारीरिक व मानसिक कष्ट पहुंचता था।

 

अगर हमारे साथ ऐसा हो तो हम क्या करते? वही करते ना जो इन मजदूरों ने किया, अपने अधिकारों के लिए लड़ाई। इसलिए मजदूर संगठनों ने हड़ताल की। इस हड़ताल के दौरान शिकागो के हेमार्केट में एक बम धमाका हुआ और पुलिस द्वारा मजदूरों पर गोली चला दी गई। जिसमें कई मजदूरों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।

 

इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया। गया कि हेमार्केट नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रधंजलि देने के लिए  1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगार वर्गों का अवकाश रहेगा।

 

भारत में 25 साल बाद मजदूर दिवस क्यों मनाया गया ?

भारत में पुरे 25 साल बाद मजदूरों के हितो को ध्यान में रख कर उनके लिए मजदूर दिवस की मांग की गयी। इसके लिए लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने 1 मई 1923 को चेन्नई (जो उस समय मद्रास नाम से जाना जाता था) में मजदूर दिवस की शुरुआत की।

इसके अध्यक्ष सिंगरावेलू चेटयार थे। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि 1 मई को मजदूर दिवस घोषित किया जाए और साथ ही राष्ट्रीय अवकाश भी रखा जाए। इस प्रकार भारत में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत हुई।

 

मजदूर दिवस का महत्व 

मजदूर हमारे समाज के विकास की रीड की हड्डी है। आज हम ऐशोआराम से जो जिंदगी जी रहे हैं या मजदूरों की ही देन है मजदूरों के खून पसीने से दुनिया को चमक मिलती है।

 

मजदूर हमारे समाज का अभिन्न अंग है, क्योंकि बिना मजदूर के हमारा समाज मजबूत नहीं बन सकता है। हमारी सबसे बड़ी भूल है कि हम मजदूर को मजबूर समझते हैं जबकि इनके बिना हम स्वयं मजबूर हैं। यह स्वाभिमानी लोग होते हैं जिनके पास कम वस्तुएं होती हैं, परंतु उसमे खुश रहते हैं और अपनी मेहनत और लगन पर विश्वास रखते हैं।


मजदूर दिवस पर हमारी ओर से सभी मजदूरों को सलाम है। जिन्होंने दुनिया को खूबसूरत बनाया है। बिना मजदूर के कुछ भी संभव नहीं है अगर मजदूर ना होते तो ना मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च होते। ना इंडिया गेट और न मुंबई गेट होते।

 

 हमें अपने चारों और जितने भी खूबसूरत इमारतें, पुल आदि दिखाई देते हैं यह सब मजदूरों की ही देन है। मजदूर हमारे समाज की नीव है। इसलिए हमें कामगारों की मेहनत को याद करते हुए इन्हें धन्यवाद देना चाहिए।

 

तो हमारे द्वारा आपको मजदूर दिवस की संपूर्ण जानकारी जैसे मजदूर दिवस का महत्व, इतिहास प्रदान की गई है, जो कि आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगी।

 

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2 Comments

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