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सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदहारण

 आज के पोस्ट में हम आपको हिंदी व्याकरण के अध्याय सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदहारण को विस्तार से पढेंगे

इससे पहले के अध्याय में हम आपको संज्ञा के बारे में बता चुके है उसे भी जरुर पढ़े

सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदहारण



सर्वनाम किसे कहते हैं?


"सर्व" शब्द का शाब्दिक अर्थ है सब और "नाम" का अर्थ है किसी का भी नाम।


सर्वनाम = सर्व + नाम = सबका नाम


संज्ञा अथवा नाम के स्थान पर आने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। यह विकारी शब्द होते हैं।



सर्वनाम संख्या में 12 है- मैं, हम, तो, तुम, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या


उदाहरण :-

दिव्या ने दिव्या के मन में सोचा, दिव्या कल अवश्य दिव्या के विद्यालय जाएगी और दिव्या की सभी शिक्षिकाओं से मिलेगी। 


ऊपर दिए गए उदाहरण में दिव्या शब्द का प्रयोग अनेकों बार हुआ है, इसलिए अब सर्वनाम शब्दों प्रयोग किया जाएगा


दिव्या ने अपने मन में सोचा, मैं कल अवश्य अपने विद्यालय जाऊंगी और अपनी सभी शिक्षिकाओं से मिलूंगी।



सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?


सर्वनाम के मुख्य रूप से 6 भेद बताए गए हैं।


पुरुषवाचक सर्वनाम 

निश्चयवाचक सर्वनाम 

अनिश्चयवाचक सर्वनाम 

संबंधवाचक सर्वनाम

 प्रश्नवाचक सर्वनाम

 निजवाचक सर्वनाम


पुरुषवाचक सर्वनाम:-  पुरुषवाचक सर्वनाम पुरुष (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले प्रयोग किए जाते हैं।


इसके तीन भेद हैं:-


उत्तम पुरुष:-  लेखक या वक्ता के लिए प्रयोग( मैं, हम, मैंने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे, मुझको) किया जाता है


 मध्यम पुरुष:-  पाठक श्रोता  के लिए प्रयोग (तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, अपने, आपको) किया जाता है


अन्य पुरुष :- लेखक और श्रोता को छोड़कर अन्य लोगों के लिए प्रयोग (वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको) किया जाता है



निश्चयवाचक सर्वनाम:- जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु की ओर निश्चय पूर्वक संकेत करते हैं वह निश्चयवाचक सर्वनाम होते हैं


जैसे:-  यह मेरी पुस्तक है।

           वह उनकी मेज है।


उपर्युक्त उदाहरणों में यह और वह सर्वनाम शब्द किसी वस्तु की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं।



वह, वे, यह, ये आदि सर्वनाम शब्दों का प्रयोग पुरुषवाचक अन्य पुरुष और निश्चयवाचक सर्वनाम दोनों में ही किया जाता है    

जैसे-

 सिया मेरी बेटी है। वह प्रतिदिन स्कूल जाती है। (अन्य पुरुष)


इस उदाहरण में सिया के पिता उसके बारे में बात कर रहे हैं इसलिए यह अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम है।


यह सिया है। वह सिया की सहेली रिया है (निश्चयवाचक)


इस उदहारण में सिया सामने स्थित है इसलिए यह निश्चयवाचक सर्वनाम है।




अनिश्चयवाचक सर्वनाम:- जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध नहीं होता है उसे अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहते है


जैसे-

कोई आ गया, तो क्या करोगे (कोई शब्द प्राणी बोधक है)


उसने कुछ नहीं लिया ( कुछ शब्द वस्तु बोधक है)



संबंधवाचक सर्वनाम:- जिस सर्वनाम शब्द से किसी दूसरे सर्वनाम शब्द का संबंध स्थापित हो उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।


जो आया है, सो जाएगा


उपयुक्त उदाहरण में "जो"शब्द का संबंध सो शब्द से बताया गया "है"।



प्रश्नवाचक सर्वनाम:- जिन सर्वनाम शब्दों प्रश्न करने के लिए प्रयुक्त हो वाले सर्वनाम शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता है।


जैसे-


कौन आया था?

 वह क्या कह रहा था?


निजवाचक सर्वनाम:- निजवाचक सर्वनाम का रूप "आप" है। इस सर्वनाम का प्रयोग अपने-आप,स्वतः, स्वयं या खुद के लिए प्रयोग किया जाता है।


जैसे-


वह दूसरो को नहीं अपने आप को सुधार रहा है।

अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए।


सर्वनाम का पद परिचय


सर्वनाम का पद परिचय करते समय सर्वनाम, उसके भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक और अन्य पदों से उसका संबंध बताना पड़ता है।


जैसे-

मैं पुस्तक पढ़ता हूं।


उपर्युक्त उदाहरण में "मै" सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग ,एकवचन है और पढ़ना क्रिया का कर्ता है।



  • जब यह, वह, कोई, कुछ, जो, सो, अकेले आते हैं तो सर्वनाम होते हैं और जब किसी संख्या के साथ आते हैं तो विशेषण कहलाते हैं।


जैसे-

यह आ गई।


इस वाक्य में यह सर्वनाम है



यह किताब कैसी है।


इस वाक्य में यह का प्रयोग किताब के साथ हुआ है इसलिए यह विशेषण है


सर्वनाम की कारक रचना (रूप-रचना)


मैं(उत्तम पुरुष)


कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

मै,मैने

हम, हमने

कर्म

मुझे,मुझको

हमे, हमको

करण

मुझसे

हमसे

संप्रदान

मुझे, मेरे लिए

हमे, हमारे लिए

अपादान

मुझसे

हमसे

संबंध

मेरा, मेरे, मेरी

हमारा, हमारे, हमारी

अधिकरण

मुझमें, मुझपर

हममें, हमपर





तू (मध्यम पुरुष)


कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

तू, तूने

तुम, तुमने, तुमलोगों ने

कर्म

तुझको, तुझे

तुम्हे , तुमलोगों को

करण

तुझसे, तेरे द्वारा

तुमसे, तुम्हारे से, तुमलोगों से

संप्रदान

तुझको, तेरे लिए, तुझे

तुम्हे, तुम्हारे लिए, तुमलोगों के लिए

अपादान

तुझसे

तुमसे, तुमलोगों से

संबंध

तेरा, तेरी, तेरे

तुम्हारा, तुम्हारी, तुमलोगों का

अधिकरण

तुझमें, तुझपर

तुममें, तुमलोगों में, तुमलोगों पर



वह (अन्य पुरुष)

कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

वह, उसने

वे, उन्होंने

कर्म

उसे, उसको

उन्हें, उनको

करण

उससे, उसके द्वारा

उनसे, उनके द्वारा

संप्रदान

उसको, उसे, उसके लिए

उनको, उन्हें, उनके लिए

अपादान

उससे

उनसे

संबंध

उसका, उसकी, उसके

उनका, उनकी, उनके

अधिकरण

उसमें, उसपर

उनमें, उनपर



आप (आदरसूचक)

कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

आपने

आपलोगों ने

कर्म

आपको

आपलोगों को

करण

आपसे

आपलोगों से

संप्रदान

आपको, आपके लिए

आपलोगों को, के, लिए

अपादान

आपसे

आपलोगों से

संबंध

आपका, आपकी, आपके

आपलोगों का, की, के

अधिकरण

आपमें, आप पर

आपलोगों में, पर



यह (निकटवर्ती)

कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

यह, इसने 

ये, इन्होने 

कर्म

इसको, इसे 

ये, इनको, इन्हें 

करण

इससे 

इनसे 

संप्रदान

इसे, इसको 

इन्हें, इनको 

अपादान

इससे 

इनसे 

संबंध

इसका, इसकी, इसके 

इनका, इनकी, इनके 

अधिकरण

इसमें, इसपर 

इनमें, इनपर 

 


कोई (अनिश्चयवाचक)


कारक

एकवचन

बहुवचन

कर्ता

कोई, किसने

किन्ही ने

कर्म

किसी को

किन्ही को

करण

किसी से

किन्ही से

संप्रदान

किसी को, किसी के लिए

किन्ही को, किन्ही के लिए

अपादान

किसी से

किन्ही से

संबंध

किसी का, किसी की,  किसी के

किन्ही का, किन्ही की, किन्ही के

अधिकरण

किसी में, किसी पर

किन्ही में, किन्ही पर



                    माँ पर निबंध - 10 Lines

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